प्रिंटर
प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस होती है, इसका प्रयोग कंप्यूटर के डेटा की हार्डकॉपी बनाने के लिये किया जाता है। की-बोर्ड, माउस के बाद प्रिंटर ही एक ऐसा डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है। ऑफिस, घ्ारों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर प्रिंटर का प्रयोग चिञ, ऑफिस डाक्यूमेंट प्रिंट करने के लिये किया जाता है। साधारण तौर पर प्रिंटर कंप्यूटर के साथ एक डाटा केबल से जुडा रहता है अौर किसी भी एप्लीकेशन से Ctrl+P कमांड देने पर वह आपको प्रिंट दे देता है। लेकिन अाजतक प्रिंटर के साथ नई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है। जिसमें वायरलैस प्रिंटिग मुख्य है। इसमें प्रिंटर को वाई-फाई और क्लाउड से जोडा जाता है। जिससे दूर बैठे ही आप प्रिंटर को कमाण्ड दे सकते हैं। क्लाउड तकनीक से आप मोबाइल से भी प्रिंटर को कमाण्ड दे सकते हैं अौर प्रिंट निकाल सकते हैं।
प्रिंटर्स को 2 केटेगरी में रखा जा सकता है -
1. इम्पैक्ट प्रिंटर
एक प्रभाव प्रिंटर कागज के साथ संपर्क में आता है। यह आमतौर पर एक हथौड़ा या पिन का उपयोग कर कागज के खिलाफ एक स्याही युक्त रिबन दबाकर प्रिंट की छवि बनाता है।
इम्पैक्ट-प्रिंटर के उदाहरण:
डॉट-मैट्रिक्स
डेज़ी-व्हील
ड्रम
2. नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर
वह प्रिंटर जिसमें छपाई के लिए स्याही वाला रिबन पन्नों के ऊपर चोट नहीं करता, नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर कहलाता है| इन प्रिंटर में छपाई के लिए स्प्रे व अन्य इलेक्ट्रॉनिक तकनीक का प्रयोग किया जाता है|
नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर के उदाहरण:
इंक-जेट प्रिंटर
लेज़र प्रिंटर
डॉट - मैट्रिक्स प्रिंटर
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर धीमी गति का इम्पैक्ट प्रिंटर है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक बार में एक कैरेक्टर प्रिंट करता है।डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में एक हेड होता है जो बायें से दायें व् दायें से बायें घूमता है। इसके प्रिंटर हेड में कुछ छोटे छोटे हथौड़े होते हैं जो स्याही लगे रिबन पर प्रहार कर कैरेक्टर उभारते हैं। कार्बन की सहायता से एक बार में कई प्रतियां निकली जा सकती हैँ। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का प्रारंभिक मूल्य और प्रति कॉपी ख़र्च कम होता है पर प्रिंट की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का उपयोग वर्तमान में काफी कम हो गया है । मुख्यताः बैंकों तथा रेस्टोरेंट्स में प्रिंटिंग के लिए ही इनका अब उपयोग होता है ।लाभ
- सस्ता
- व्यापक रूप से इस्तेमाल
- धीमी गति
- खराब गुणवत्ता
नुकसान
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डेज़ी व्हील प्रिंटर
आविष्कार 1969 में हुआ था । इस प्रिंटर में डेज़ी के फूल के सामान एक गोल पहियानुमा संरचना होती है । यह प्रिंटर बॉल-हेड टाइपराइटर के सिद्धांत पर ही काम करता है । डेज़ी व्हील का चक्र प्लास्टिक अथवा मेटल का बना होता है जिसके बाहरी किनारे पर शब्द होते है । एक शब्द को प्रिंट करने के लिए, प्रिंटर चक्र को तब तक घुमाता है जब तक की वो अक्षर पेपर के सम्मुख न आ जाये । इसके पश्चात एक हथोड़े से चक्र पर प्रहार किया जता है, इस बलपूर्वक प्रहार से चक्र पर बना शब्द स्याही युक्त रिब्बन पर दबाव डालता है और अक्षर कागज़ पर मुद्रित हो जाता है । डेज़ी व्हील प्रिंटर से चित्रों को प्रिंट नहीं किया जा सकता है । डेज़ी व्हील प्रिंटर 10 से 75 अक्षर प्रति सेकंड प्रिंट कर सकता हैलाभ
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की तुलना में अधिक विश्वसनीय
बेहतर गुणवत्ता
चरित्र का फोंट आसानी से बदला जा सकता है.
नुकसान
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की तुलना में धीमी
उपयोग में लेते समय अधिक शोर होता है
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की तुलना में महंगा
प्रिंटर ड्रम
जैसा की नाम से ही स्पष्ट है की इस प्रिंटर को ड्रम प्रिंटर कहा जाता है क्योंकि इसका आकार ड्रम के समान ही होता है । ड्रम की सतह पटरियों में विभाजित होती है तथा इन सतहों पर अक्षर मुद्रित होते है । प्रिंट करने के लिए ड्रम तेज गति से घूमता है, प्रत्येक प्रिंट पोजीशन के विपरीत पेपर के पीछे एक प्रिंट हथौड़ा होता है । इस हथोड़े से कागज पर, स्याही युक्त रिब्बन के साथ, जो भी अक्षर प्रिंट करना होता है उस पर चोट की जाती है। प्रत्येक लाइन को प्रिंट करने के लिए ड्रम का एक चक्कर लगता है अर्थात एक लाइन में अक्षर एक साथ प्रिंट नहीं होते है परन्तु यह सब इतनी गति से होता है की इसे लाइन प्रिंटर की श्रेणी में ही रखा जाता है । ड्रम प्रिंटर की औसतन गति 300 से 2000 लाइन्स प्रति मिनट होती है ।लाभबहुत ही उच्च गति
नुकसानबहुत महंगा
वर्ण फोंट बदला नहीं जा सकता
इंकजेट प्रिंटर
इंकजेट प्रिंटर एक नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर है जिसमे स्याही की बॉटल रखी जाती है। इंकजेट प्रिंटर में एक प्रिंट हेड होता है जिसमे 64 छोटे छोटे जेट नोजल हो सकते हैं। इसमें विद्युतीय क्षेत्र के प्रभाव द्वारा स्याही की बूदों को जेट की सहायता से कागज पर छोड़ा जाता है। जिसके द्वारा कैरेक्टर और आकृतियां प्राप्त की जाती हैं।यह प्रिंटर इंक की छोटी छोटी बूंदों को कागज पर सम्मलित रूप से फैलाकर आउटपुट प्रदर्शित किया जाता हैं| यह एक बार मे एक लाइन को प्रिंट करता हैं| सामान्यतः या रंगीन इंक वाला प्रिंटर होता हैं| इसकी मूल्य भी अन्य प्रिंटर की अपेक्षा कम होती हैं|
लाभ
उच्च गुणवत्ता मुद्रण
अधिक विश्वसनीय
नुकसान
प्रति पृष्ठ लागत अधिक है
लेजर प्रिंटर की तुलना में धीमा
लेजर प्रिंटर
लेज़र प्रिंटर कम्प्यूटर प्रिंटर का एक आम प्रकार है, जो तीव्र गति से किसी सादे कागज़ पर उच्च गुणवत्ता वाले अक्षर और चित्र उत्पन्न (मुद्रित) करता है। डिजिटल फोटोकॉपियर्स या बहु-कार्यात्मक प्रिंटर्स (MFPs) की ही तरह लेज़र प्रिंटर में भी एक ज़ेरोग्राफिक प्रिंटिंग प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है, लेकिन यह एनालॉग फोटोकॉपियर्स से इस रूप में अलग होता है कि प्रिंटर के फोटोकॉपियर पर एक लेज़र किरण की प्रत्यक्ष स्कैनिंग के द्वारा छवि उत्पन्न की जाती
एक लेज़र किरण प्रिंट किये जाने वाले पृष्ठ का एक चित्र घूमते हुए विद्युतीय रूप से आवेशित ड्रम, जिस पर सेलेनियम की परत चढ़ी होती है, पर प्रक्षेपित करती है। प्रकाश-चालकता उन क्षेत्रों से आवेश को हटा देती है, जिन पर प्रकाश पड़ रहा हो. तब सूखी स्याही (टोनर) के कणों को ड्रम के आवेशित क्षेत्रों द्वारा विद्युतीय रूप से उठाया जाता है। इसके बाद ड्रम प्रत्यक्ष संपर्क और उष्मा, जो स्याही को कागज़ पर मिलाती है, के द्वारा छवि को कागज़ पर प्रिंट करता है।
प्रिंटर के अन्य प्रकारों की तुलना में लेज़र प्रिंटर के अनेक महत्वपूर्ण लाभ हैं। इम्पैक्ट प्रिंटरों के विपरीत, लेज़र प्रिंटर की गति में व्यापक अंतर हो सकता है और यह अनेक कारकों पर निर्भर होती है, जिनमें किये जा रहे कार्य की रेखाचित्रीय तीव्रता शामिल है। सबसे तेज़ गति वाले मॉडल प्रति मिनट एक रंग वाले 200 से अधिक पृष्ठ (12,000 पृष्ठ प्रति घंटा) मुद्रित कर सकते हैं। सबसे तेज़ गति वाले रंगीन लेज़र प्रिंटर प्रति मिनट 100 से अधिक (6000 पृष्ठ प्रति घंटा) मुद्रित कर सकते हैं। अत्यधिक उच्च-गति वाले लेज़र प्रिंटरों का प्रयोग निजीकृत दस्तावेजों, जैसे क्रेडिट कार्ड या सुविधा-बिलों, के सामूहिक प्रेषण के लिये किया जाता है और कुछ वाणिज्यिक अनुप्रयोगों में इनकी प्रतिस्पर्धा लिथोग्राफी से है।
एक ड्युप्लेक्सिंग प्रिंटर (ऐसा प्रिंटर, जो कागज़ के दोनों ओर मुद्रण करता है) कागज़ की लागत आधी कर सकता है और फाइल के आयतन को घटा सकता है। ड्युप्लेक्सर, जो कि पहले केवल उच्च श्रेणी के प्रिंटरों में ही उपलब्ध थे, अब मध्यम-श्रेणी के प्रिंटरों में भी आम हैं, हालांकि सभी प्रिंटर एक ड्युप्लेक्सिंग इकाई को समाहित नहीं कर सकते. ड्युप्लेक्सिंग में कागज़ के लंबे पथ के कारण पृष्ठ-मुद्रण की गति धीमी भी हो सकती है
लाभ
बहुत ही उच्च गति
बहुत उच्च गुणवत्ता का उत्पादन
अच्छा ग्राफिक्स की गुणवत्ता दे
कई फोंट और अलग चरित्र आकार का समर्थन करें
नुकसान
महंगा
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